असिस्टेंट प्रोफेसर, हिंदी विभाग सर्वोदय पीजी कॉलेज, घोसी, मऊ दिया और बाती आओ हम दिए को दिए से जलाएं, जगत से सभी यूं अंधेरा मिटाएं। है कल्लू की मड़ई मदन की कोठरी,…
जय श्री नवोदित लेखिका हैं, बिम्बों और प्रतीकों के माध्यम से समकालीन विषयों पर रचे पात्र-विन्यास और कथानक इनकी महत्वपूर्ण विशेषता है बिकासुल (प्रातः कालीन समय, कंपनी गार्डन का दृश्य, दो मित्र…
नागौर,राजस्थान न लड़की हूँ,न लड़का हूँ, इस सृष्टि कि एक सुन्दर रचना हूँ मै, समाज की बंदिशों मे बंधी मै अर्धनारीश्वर का स्वरूप हूँ, छक्का,हिजड़ा,किन्नर न जाने क्या-क्या मिले मुझे, मै भी…
मऊ उसने पूछा, सिगरेट पीते हो, मैंने कहा हाँ! उसने पूछा, शराब पीते हो, मैंने कहा हाँ! उसने पूछा, माँस खाते हो, मैंने कहा हाँ! उसने फिर पूछा, तब तो, इश्क भी…
वरिष्ठ साहित्यकार जाति-बिरादरी मानव निर्मित है, प्राकृतिक होती तो, हर भेद-भाव से दूर होती। जाति -बिरादरी मानव निर्मित है, प्राकृतिक तो कतई और कदापि नहीं है, प्राकृतिक होती तो, हर तरह के…
जितनी ज़्यादा दुनियादारी देखी है क़दम-क़दम धोखा-मक्कारी देखी है। मिल-जुलकर खा जाना है यह देश हमें, लोगों की ऐसी तैयारी देखी है। जब भूखों ने अपने बच्चे बेच दिए, हमने ऐसी भी…