रश्मि धारिणी धरित्री प्रसिद्ध पर्यावरणविद एवं साहित्यकार, लखनऊ सुधि जनों को धारित्री धारिणी का सस्नेह वंदन होली बीती फाल्गुन के रंगों में झूम कर बसंत की मदमाती सुगंध हवा में बिखेर कर।…
डॉ नमिता राकेश वरिष्ठ साहित्यकार एवं राजपत्रित अधिकारी, भारत सरकार नव वर्ष विक्रम संवत का इतिहास अति प्राचीन होने के साथ-साथ सनातन संस्कृति के लिए बहुत महत्वपूर्ण है । इसमें तिथि और…
प्रो. विवेक कुमार मिश्र हिंदी विभाग राजकीय कला महाविद्यालय कोटा फूल खिलते हैं और खिलते रहेंगे । फूल खिलकर ही बोलते हैं । अपने होने का , अपने अस्तित्व का गान खिलकर…
पर्यावरणविद, उत्तराखंड प्रसिद्ध पर्यावरणविद डॉ एस.पी.सती जी पर्यावरण के हर पहलु को अपनी नज़र से देखते हैं. ऋषि मनीषी हैं सरल स्वभाव वाले डॉ सती जी जब हिमालय की गोद में होते…
गीता कैरोला उत्तराखंड चौमासा हमेशा त्योहांरों की आमद के साथ बीतता है।श्राद्ध के पंद्रह दिनों में पितृ पूरे साल का भोजन जीम ने के साथ साल भर का राशन बांध कर विदा…
बृजेश गिरि प्रवक्ता, जैश किसान इन्टर कॉलेज घोसी, मऊ सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन’अज्ञेय’ प्रयोगवाद के प्रवर्तक माने जाते हैं। वैसे नयी कविता को भी साहित्य जगत में प्रतिष्ठित करने श्रेय अज्ञेय को ही…
डॉ धनञ्जय शर्मा असिस्टेंट प्रोफेसर, सर्वोदय पी.जी.कॉलेज घोसी, मऊ अज्ञेय द्वारा संपादित सन 1943 में तार सप्तक आधुनिक हिन्दी काव्य के इतिहास में एक मील का पत्थर है। परवर्ती छायावादी कविता और…
डॉ. नितिन सेठी, बरेली अज्ञेय भावुक कवि होने के साथ-साथ एक गहन चिंतक और विचारक के रूप में भी हमारे समक्ष आते हैं। अज्ञेय ने समय-समय पर सामान्य भाषा और काव्यभाषा; इन…
प्रियंवदा पाण्डेय देवरिया उत्तर प्रदेश युग प्रवर्तक अज्ञेय को भला कौन नहीं जानता है। अपनी लेखनी से उन्होंने नवीन प्रतिमान तो स्थापित किए ही साथ ही एक नई शैली और नई विचारधारा…