प्रसिद्ध रंगमंच निर्देशिका चित्रा मोहन जी का भारतेंदु बाबू को समर्पित मौलिक नाटक “हम याद बहुत आएंगे“ आदरणीया चित्रा मोहन जी प्रख्यात व वरिष्ठ रंगमंच निर्देशिका व प्रवक्ता हैं । आप भारतेंदु…
मनोज कुमार सिंह ” प्रवक्ता “ लेखक/ साहित्यकार/ उप सम्पादक कर्मश्री मासिक पत्रिका अत्यंत प्राचीन काल से अंग्रेजों के आगमन तक अपनी सादगी, साफगोई, भोलापन और अपनी भलमनसाहत के लिए साहित्यिक कृतियों…
लेखिका – श्रीमती शैली जी, लखनऊ मेरे साथ एक लड़की पढ़ती थी, उसका नाम था ओमपती। गाँव से आती थी, बिल्कुल देसी। सूरत भी थी गाँव की सोंधी मिट्टी के तेल सी। वर्ष…
व्यंग्यकार- चुनमुन जी हमारे ननिहाल में एक थे हरखू भैया, बेचारे भोले -भाले हरखू और कड़कदार मिर्ची की तरह तीखी उनकी घरवाली । हरखू भाई के समधी आने वाले थे तो खुब…
डॉ शिवमूरत यादव Post Doctoral Research Fellow University of Oklahoma, Health Sciences Center, USA आज विज्ञान हमारे बीच किसी जादू से कम नहीं है । आम आदमी जादू में अधिक रूचि रखता…
डॉ धनञ्जय शर्मा लेखक व असिस्टेंट प्रोफेसर, हिंदी विभाग सर्वोदय पोस्ट ग्रेजुएट महाविद्यालय, घोसी, मऊ मानव का रचा हुया सूरज मानव को भाप बनाकर सोख गया। पत्थर पर लिखी हुई यह /…
वीथिका ई-पत्रिका प्रधान संपादक अर्चना उपाध्याय प्रबंध संपादक सुमित उपाध्याय मुख्य सलाहकार संपादक – चित्रा मोहन संपादकीय समिति प्रोफेसर डॉ मोहम्मद ज़ियाउल्लाह डॉ धनञ्जय शर्मा सत्यप्रकाश सिंह डॉ सुधांशु लाल विनोद कोस्ती…
कबाब का इतिहास तुर्की के रसोईघर मे बनने वाला यह व्यंजन अब भारतीयों की थालियाँ भी सजाता है। कई प्रकार के कबाब जैसे दही कबाब,गुलावटी कबाब, काकोरी कबाब न जाने ऐसे कितने…
एक कविता जन्म लेती है खेत मे फसल लहलहाने पर। एक कविता जन्म लेती है, बाग में फूल मुरझाने पर। कविताओं का जन्म निरन्तर होता रहता है हर क्षण,हर युग में। हर…