मुकेश कुमार मोदी
बीकानेर, राजस्थान
फूलों से दिल वालों को, कांटा चुभाया जायेगा
काम निकलने के बाद, उनको भुलाया जायेगा
दर्द देना है इस जमाने की, बहुत पुरानी आदत
इसलिए मौका पाते ही, कांटा चुभाया जायेगा
चार कंधों की जरूरत के, लायक भी न छोड़ेगा
वफा का जनाजा भी, इस कदर उठाया जायेगा
जज्बातों का कोई मोल, न समझेगा ये जमाना
मर्जी के बगैर तुम्हें, कड़वा घूंट पिलाया जायेगा
सबका यक़ीन करने की, आदत करेगी नुकसान
वक्त बे वक्त तुम्हें, सिर्फ धोखा खिलाया जायेगा
बुरे हालातों से मिलेगी, जीने की असली तालीम
ठोकरें खिलाकर तुमको, जीना सिखाया जायेगा