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कविता – आपदा में अवसर

Posted on July 16, 2024

नीरज कुमार,

घोसी, जनपद-मऊ

आपदा में अवसर अक्सर मिल जाते हैं        

कांटों में रहकर भी फूल खिल जाते हैं.       

तुम निरन्तर कोशिशें जारी रखो                     

अपनी कमियों पे सदा भारी रहो                   

कड़ी लगन से ही सफ़लता सब पाते हैं. 

         

अपनी इच्छाशक्ति  को महसूस करो                 

क्रांतिकारी तुम बनो  उद्घोष करो                  

ऐसी दृढ़ता से विरोधी दहल जाते हैं.    

                

लोग क्या कहते हैं तुम सोचो नहीं                   

लक्ष्य को साधे रहो भटको नहीं                     

धैर्य रखने से सब उत्तर मिल जाते हैं.

आपदा में अवसर अक्सर मिल जाते हैं       

कांटों में रहकर भी फूल खिल जाते हैं .                

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