©आशी प्रतिभा दुबे (स्वतंत्र लेखिका)
ग्वालियर मध्य प्रदेश
आओ पेड़ लगाए हम
धरा पुकार रही है तुमको
नित्य उजड़ रहे है उपवन,
तापमान में हो रही है वृद्धि
निरंतर कटते वृक्षों के कारण
नित बढ़ रहा है वायु प्रदूषण,
समय अभी शेष है थोड़ा
सब कुछ हाथ हमारे ही है,
पर्यावरण की सुरक्षा हेतु,
मिलकर कदम उठाओ हम !
” आओ पेड़ लगाए हम ” ।।
पेड़ नही होंगे तो धरती पर
तुम मिट्टी कहा से लाओगे
हवा ,भोजन, जल के बिना
कहा तुम भी रह पाओगे!
बिना पेड़ पौधों के जीवन,
ये संभव नहीं हमारा भी
पशु पंछी सबका गुजारा भी
सबकी भलाई हेतु ही धरा पर ,
नेक कर्म करते जाए हम सब !
“आओ पेड़ लगाए हम “