बृजेश गिरि
बावफा होने से अच्छा है बेवफा होना,
बहुत मुश्किल है इस जमाने में अच्छा होना
कैसे-कैसे लोगों को मिल गई मंजिलें,
मेरी किस्मत में लिखा है तुझसे जुदा होना।
आज के दौर में कौन किसी का होता है,
ये आम बात है लोगों का तन्हा होना।
बहुत से लोग मुझे नाकाम शख्स कहते हैं,
क्या गुनाह है किसी का सच्चा होना।
याद बहुत आते हैं दिन मुझे बचपन के,
चाहता है दिल मेरा फिर से बच्चा होना।
Very nice sir 👌👍👌👍
Nice verry nice sir
Nice verry nice sir