कार्टूनिस्ट कृतिका सिंह
स्वतंत्रता आन्दोलन के दिनों में महात्मा गाँधी कभी देश के इस कोने में होते तो कभी उस कोने में. ऐसी स्थिति में देश-विदेश से लोग अपने पत्र बापू को भेजते थे. उन्हीं पत्रों में से कुछ पर लिखा होता – “महात्मा, जहाँ हो वहां”
और बड़ी बात ये की ये पत्र बापू तक पहुँच भी जाते. वो उन्हें पढ़ते और उत्तर देते.
ये थे बापू और इतना विशाल था उनका प्यार