एक कविता जन्म लेती है
खेत मे फसल लहलहाने पर।
एक कविता जन्म लेती है,
बाग में फूल मुरझाने पर।
कविताओं का जन्म निरन्तर होता रहता है
हर क्षण,हर युग में।
हर एक घटना कविता का विषय है
चाहे वो हिटलर की तानाशाही हो
या बुध्द की अमृत वाणी।
योगेन्द्र पाण्डेय
सलेमपुर, देवरिया
मो.7683047756