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इतिहास : कल्पना या यथार्थ

Posted on February 15, 2024

डॉ मोहम्मद ज़ियाउल्लाह विभागाध्यक्ष, इतिहास विभाग डी.सी.एस.के. महाविद्यालय, मऊ हम भी, आप भी, माना जाए तो सभी इस व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी के कृतज्ञ हैं। याद करिए, एक जमाना था जब हम बेबस थे,…

Vithika e-partika February 2024

Posted on February 8, 2024

” रमणे कणे-कणे इति राम “

Posted on January 20, 2024

अर्चना उपाध्याय मुख्य संपादक एवं समाजसेवी यही हैं श्री विष्णु के दसवें अवतार माने जाने वाले “अयोध्या”के श्री राम जी जो कण-कण में बसते हैं । संविधान के तीसरे भाग में जहां…

मर्यादा पुरुषोत्तम राम

Posted on January 20, 2024

मनोज कुमार सिंह प्रवक्ता-बापू स्मारक इंटर कॉलेज, दरगाह मऊ लंका नरेश लंकेश को पराजित करने के उपरांत चौदह वर्षीय वनवासी जीवन की अनुभूतियों की थाती को हृदय में समाहित किये हुए वापस…

वाल्मीकि के मर्यादा पुरुषोत्तम राम

Posted on January 20, 2024

जय प्रकाश नारायण मिश्रा प्रयागराज पारिवारिक, सामाजिक, नैतिक और राजकीय मर्यादा में रहकर भी पुरुष उत्तम किस तरह हो सकता है यह “मर्यादा पुरुषोत्तम” राम का जीवन हमें समझाता है। स्वयं को…

भूटान यात्रा : संस्मरण

Posted on January 20, 2024

डॉ नमिता राकेश वरिष्ठ साहित्यकार एवं राजपत्रित अधिकारी (गतांक से आगे …) ख़ैर साहब, रास्ते मे रुकते-रुकाते खाते-पीते हम सब चार से पांच घण्टे की यात्रा कर के देर रात भारत भूटान…

हम सबके राम

Posted on January 20, 2024

कुँवर तुफान सिंह निकुम्भ युवा कवि व साहित्यकार, मऊ राम हमारे मूल है और मूल को परिभाषित करना उतना कठिन कार्य होता है जैसे सूरज को दीपक दिखाना । राम सर्वव्यापी हैं…

हास्य – जिन्ह मोहि मारा ते मैं मारे

Posted on January 20, 2024

लेखिका – अनु हमारे गांव के मुन्शी चाचा की बतकही बहोत मशहूर है, जिस दुआरी पर शाम में बैठ जाएंगे वहां हर उम्र का जमावड़ा हो ही जाएगा। रामायण, महाभारत आदि अनेक…

कविता – राम

Posted on January 20, 2024

अविनाश पाण्डेय, वाराणसी राम तुम प्रसंग से परे नहीं हुए कभी अट्टहास रावणों के ध्वनित हो रहे अभी। देव, दानव, मनुज के अब रूप दिखते एक हैं भ्रमित, उद्वेलित व कुंठित नीतियों…

कविता – सब देखते रह जाएंगे

Posted on January 20, 2024

डॉ नमिता राकेश उपनिदेशक, भारत सरकार, वरिष्ठ साहित्यकार हे राम ! तुम तो पुरुषोत्तम हो जो तुम पर सवाल उठाएं वो उत्तम कैसे हो सकते हैं तुम्हारा नाम लेकर जब पत्थर तैर…

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