Skip to content
वीथिका
Menu
  • Home
  • आपकी गलियां
    • साहित्य वीथी
    • गैलिलियो की दुनिया
    • इतिहास का झरोखा
    • नटराज मंच
    • अंगनईया
    • घुमक्कड़
    • विधि विधान
    • हास्य वीथिका
    • नई तकनीकी
    • मानविकी
    • सोंधी मिटटी
    • कथा क्रमशः
    • रसोईघर
  • अपनी बात
  • e-पत्रिका डाउनलोड
  • संपादकीय समिति
  • संपर्क
  • “वीथिका ई पत्रिका : पर्यावरण विशेषांक”जून, 2024”
Menu

दशहरा-दीपावली

Posted on November 14, 2023

मनोज कुमार सिंह लेखक/साहित्यकार/ उप-सम्पादक कर्मश्री मासिक पत्रिका महज़ कागज़,घास- फूस, खर-पतवार से बने नकली दशानन के पुतले के दहन का पर्व नहीं दशहरा, बल्कि हमारे मंन, मस्तिष्क और हृदय में गहरे…

नौशेरा का शेर : ब्रिगेडियर उस्मान

Posted on November 11, 2023

लेखिका – दिशा सिंह, मऊ भारतीय सेना के वीर सैनिकों की गरिमा को बयान करने वाले कई महान योद्धाओं में से एक नाम है – ब्रिगेडियर उस्मान । उनकी जीवन कथा और…

अशरीरी निःस्वार्थ प्रेम- रासलीला

Posted on November 11, 2023

जय प्रकाश नारायण मिश्रा प्रयागराज श्रीकृष्ण का जीवन गूढतम विलक्षणता से भरा है जिसका अनुभव हमारी बुद्धि को नहीं हो पाता है। श्रीकृष्ण ने अपने चरित्र से जीवन का संदेश दिया है।…

हास्य व्यंग्य – मठहाउस

Posted on November 11, 2023

व्यंग्यकार श्री दिलीप कुमार जी मठ आबाद रहे मठाधीश आबाद रहे मठाधीशी जिंदाबाद प्रश्न – हिंदी साहित्य के वर्तमान परिवेश में मठ और मठाधीशों की क्या स्थिति है ? उत्तर- हिंदी साहित्य…

अनुवाद – मुझ पर खुलता दरवाज़ा

Posted on November 11, 2023

हंगरियन कवियत्री काफ्का मार्गिट (Kaffka Margit) का जन्म 10 जून 1880 को हुआ व मृत्यु 1 दिसंबर 1918 ई को बुदापैश्त में हुई प्रसिद्ध कवि व अनुवादक श्री इन्दुकांत अंगिरस जी ने…

कविता – किन्नर हूँ मैं  ©  अनिता रोहलन ‘आराध्यापरी’,

Posted on November 11, 2023

नागौर,राजस्थान न लड़की हूँ,न लड़का हूँ, इस सृष्टि कि एक सुन्दर रचना हूँ मै, समाज की बंदिशों मे बंधी मै अर्धनारीश्वर का स्वरूप हूँ, छक्का,हिजड़ा,किन्नर न जाने क्या-क्या मिले मुझे, मै भी…

कविता – मैं इन्तजार कर रहा हूँ’ © बृजेश गिरि

Posted on November 11, 2023

मऊ उसने पूछा, सिगरेट पीते हो, मैंने कहा हाँ! उसने पूछा, शराब पीते हो, मैंने कहा हाँ! उसने पूछा, माँस खाते हो, मैंने कहा हाँ! उसने फिर पूछा, तब तो,           इश्क भी…

कविता – जाति-बिरादरी © मनोज कुमार सिंह

Posted on November 11, 2023

वरिष्ठ साहित्यकार जाति-बिरादरी मानव निर्मित है, प्राकृतिक होती तो, हर भेद-भाव से दूर होती। जाति -बिरादरी मानव निर्मित है, प्राकृतिक तो कतई और कदापि नहीं है, प्राकृतिक होती तो, हर तरह के…

ग़ज़ल © बृज राज किशोर “राहगीर”, मेरठ

Posted on November 11, 2023

जितनी ज़्यादा दुनियादारी देखी है क़दम-क़दम धोखा-मक्कारी देखी है। मिल-जुलकर खा जाना है यह देश हमें, लोगों की ऐसी तैयारी देखी है। जब भूखों ने अपने बच्चे बेच दिए, हमने ऐसी भी…

नवम्बर २०२३ पत्रिका डाउनलोड

Posted on November 5, 2023

वीथिका ईपत्रिका के लिए हमारे सम्मानित पाठकों के विचार व प्रतिक्रियाएं बहुत ही महत्वपूर्ण हैं . पत्रिका हमारी वेबसाइट www.vithika.org पर उपलब्ध है, whatsaap कर सकते हैं Gmail : [email protected] : 8175800809

Posts pagination

Previous 1 … 9 10 11 … 19 Next

Recent Posts

  • वीथिका ई पत्रिका का जून-जुलाई, 2025 संयुक्तांक “बिहू : ओ मुर अपुनर देश”
  • वीथिका ई पत्रिका का मार्च-अप्रैल, 2025 संयुक्तांक प्रेम विशेषांक ” मन लेहु पै देहु छटांक नहीं
  • लोक की चिति ही राष्ट्र की आत्मा है : प्रो. शर्वेश पाण्डेय
  • Vithika Feb 2025 Patrika
  • वीथिका ई पत्रिका सितम्बर 2024 ”
©2025 वीथिका | Design: Newspaperly WordPress Theme